सुसमाचार क्या है ?

| | विषय: सुसमाचार

सुसमचार दो शब्दों से जुङकर बना है। सु + समचार। यह समाचार शब्द अग्रेंजी भाषा के न्यूज (NEWS) शब्द से सबन्धित है। जिसमें ससांर की चारों दिशाओं N (NORTH) उत्तर, E (EAST) पूर्व, W (WEST) पशिचम एंव S (SOUTH) दक्षिण का समावेश हैं, यह सुसमाचार समस्त ससांर के चारों दिशाओं में वास करने वाले निवासियों के लिये आवयशक है। सु का अर्थ है अच्छा या शुभ अर्थात यह सु – समाचार (शुभ समाचार ) समस्त मानव जाति के उध्दार से सम्बधित है जो केवल पवित्र शास्त्र बाईबल में ही पाय जाता है। सम्पूर्ण बाईबल मुख्यता: तीन बातों को विस्तार के साथ विवरण देती है मानव स्रष्टि….., मानव पतन, मानव छुटकारा और सुसमाचार इसी को प्रभावित करता और व्यख्या करता है।

सुसमाचार धर्म परिवर्तन नहीं है परन्तु यह जीवन का सम्पूर्ण सदेश है (प्रेरितों 5:20), जो मानव जीवन के परिवर्तन का स्रोत है (प्रेरितों 15:3)। यह सु-समाचार यीशु ख्रीष्ट पर पूर्णता: आधारित है। जो मानव स्रष्टि… पश्चात मानव पतन मानव के पाप में गिरने के तत्तपश्चात सर्वप्रथम स्वंय परमेश्वर व्दारा अदन की वाटिका में दिया गया।

“ मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में तथा तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा और वह तेरे सिर को कुचलेगा और तू उसकी एङी को डसेगा।” इस परमेश्वर के कथन में सुसमाचार का भेद दिया है जो समस्त मानव के उद्धार से जुङा हुआ है, जो मानव जाति के गहन बिमारी पाप का उपचार है:-

  • उद्धार – परमेश्वर का कार्य है
  • उद्धार – शेतान को नाश करेगा
  • उद्धार – प्रत्येक मानव जाति तक पहुचेगा
  • उद्धार – मध्यस्थ व्दारा आएगा
  • उद्धार – छुटकारा देने वाले के साथ क्लेश में जुडा होगा
  • उद्धार – सम्पूर्ण इतिहास मे अनुभव किया जाए

इसलिये प्रभु यीशु ने स्वंय कहा” कि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए। यहुन्ना 3:16, अत: पवित्र शास्त्र बाईबल के अनुसार सुसमाचार की इस प्रकार व्याख्या की जा सकती हैं।

कि समस्त मानव प्राणी पापी है और इस पाप के कारण वह परमेश्वर से अलग है, दूर है: भटका हुआ है: परन्तु प्रभु यीशु मानव देह धारण करके इस ससांर मे आए, मानव पापों से छुटकारा देने के लिए स्वंय क्रूस पर मारे गए, गाङे गए और तीसरे दिन जी उठे और आज वह स्वर्ग पर विराजमान हैं। ताकि जो कोई उस यीशु पर विश्वास करें वह उद्धार (अनन्त जीवन) को प्राप्त करे क्योंकि वह पुन: आने वाला है ताकि समस्त मानव का न्याया किया जाऐ।

अत: परमेश्वर के पवित्र शास्त्र बाईबल आधारित सुसमाचार पाप से छुटकारे, नया जीवन, उद्धार का जीवन, परमेश्वर के साथ विच्छेदित जीवन को पुन: स्थापित करने एव भविष्य की धन्य आशा जो यीशु मसीह में एवं यीशु मसीह के कारण है, सम्बन्धित है, इसलिये यह विशेष है ऐर सब के लिये आवयशक है (प्रेरितों 4:12, रोमियों 10:9,10)।