विश्वास वचन

हम विश्वास करते हैं-

  • कि पवित्र बाइबल की 66 पुस्तकें पूर्णतः तथा अनोखे तौर पर प्रेरित परमेश्वर का वचन हैं और मसीह के शिष्यों के विश्वास तथा व्यवहार के लिए एकमात्र अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक नियम है।
  • एक परमेश्वर पर जो अनंत काल से तीन भिन्न व्यक्ति – पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा – में सह अस्तित्व में है।
  • प्रभु यीशु के परमेश्वरत्व पर, उसके कुंवारी जन्म पर, उसके पाप रहित जीवन पर, क्रूस पर हमारे बदले मृत्यु तथा उसके लहू के बहाए जाने के द्वारा प्रायश्चित्त पर, उसके दैहिक पुनरुत्थान पर, उसके स्वर्गारोहण पर, उसकी मध्यस्थता की प्रार्थना पर, तथा सामर्थ्य एवं महिमा में उसके व्यक्तिगत पुनःआगमन पर।
  • कि मानवजाति का केवल वह ही एकमात्र मुक्तिदाता है और केवल उसी के द्वारा पापी मनुष्य बचाया जा सकता है एवं केवल उसी के द्वारा एकमात्र सच्चे परमेश्वर से संबंध स्थापित कर सकता है।
  • कि उद्धार केवल अनुग्रह ही से यीशु में विश्वास के द्वारा होता है। यह हमारे कार्यों के द्वारा नहीं है।
  • कि खोये और पापी मनुष्य का उद्धार पवित्र आत्मा के द्वारा नए बनाए जाने के कार्य से होता है।
  • पवित्र आत्मा के अन्तरवास में जो कि विश्वासियों को वचन के अनुसार भक्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करने के योग्य करता है।
  • कि पवित्र आत्मा कलीसिया में कलीसिया के भले एवं विकास हेतु विभिन्न व्यक्तियों को अपनी इच्छा के अनुसार विभिन्न आत्मिक वरदान देता है।
  • कि बप्तिस्मा हमें मुक्ति नहीं प्रदान करता है परन्तु यह एक विश्वासी के भीतरी जीवन में पवित्र आत्मा के कार्य का बाहरी प्रमाण है।
  • प्रभु यीशु मसीह में सब विश्वासियों की आत्मिक एकता पर जो कि मसीह की देह, विश्व-व्यापी कलीसिया के हिस्सा हैं।
  • दोनों उद्धार पाए हुए तथा खोये हुओं के पुनरुत्थान पर – वह जो बचाए गए हैं जीवन के लिए जिलाए जाएंगे तथा वह जो खोए हुए हैं अनंत दण्ड के लिए जिलाए जाएंगे।
  • यीशु मसीह के पुनःआगमन पर जो कि अपनी महिमा में आएगा, जीवतों और मरे हओं का न्याय करने के लिए।