पुनरूत्थान की अाशा

अप्रैल 7, 2013 |
खंड: 1 कुरिन्थियों 15:29-58 | विषय:

ये सिय्योन को संस्थापित करने वाले वरिष्ठ पास्टर हैं तथा प्राचीनों के समूह को अगवाई प्रदान करते हैं । ये कलीसियाई सेवा में तब से रहे हैं जब से इन्होंने 1979 में एच ए एल की सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र देकर बाराबंकी में सिय्योन कलीसिया का आरम्भ किया। ये उत्तर भारत में कलीसिया रोपण का एक मार्ग प्रशस्त करने वाले शिक्षक हैं, जिन्होंने 1980 के दशक से कलीसिया रोपण करने वालों के लिए कई अनौपचारिक प्रशिक्षणों का आयोजन किया है। इनके बाइबल का व्यक्तिगत अध्ययन अत्यन्त गहन है, जो इनके प्रचार में और इनके द्वारा तैयार किए गए अनेक अध्ययन सामग्री में बहुत ही स्पष्ट रीति से प्रत्यक्ष है।