सात धन्य आशीषे एवं प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का परिचय

फ़रवरी 10, 2022 |
खंड: प्रकाशितवाक्य 1:1-3 |

यह संदेश प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के 1 अध्याय के 1-3 पद पर आधारित है, धन्य आशीषें

1. धन्य हैं वे मृतक जो प्रभु में मरते है।

2. धन्य हेैं वे जो जाग्रत रह कर अपने वस्त्रों की रक्षा करते हैं।

3.धन्य है वे जो मरनें के विवाह में आमन्त्रित हैं

4. धन्य है वह जो नबूवत के वचनों को पढ़ता है।

5.धन्य और पवित्र हैं वे जो प्रथम पुनरूत्थान के भागी हैं।

6. धन्य हैं वह जो इस पुस्तक के नबूवत के वचनों को मानता है।

7.धन्य हैं वे जो अपने वस्त्रों को धो लेते है।

इस संदेश में हम प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का परिचय एवं 7 धन्य आशीषें देखते हैं जो हमें प्रकाशितवाक्य की पुस्तक को समझने में सहायता करता है।

ये सिय्योन को संस्थापित करने वाले वरिष्ठ पास्टर हैं तथा प्राचीनों के समूह को अगवाई प्रदान करते हैं । ये कलीसियाई सेवा में तब से रहे हैं जब से इन्होंने 1979 में एच ए एल की सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र देकर बाराबंकी में सिय्योन कलीसिया का आरम्भ किया। ये उत्तर भारत में कलीसिया रोपण का एक मार्ग प्रशस्त करने वाले शिक्षक हैं, जिन्होंने 1980 के दशक से कलीसिया रोपण करने वालों के लिए कई अनौपचारिक प्रशिक्षणों का आयोजन किया है। इनके बाइबल का व्यक्तिगत अध्ययन अत्यन्त गहन है, जो इनके प्रचार में और इनके द्वारा तैयार किए गए अनेक अध्ययन सामग्री में बहुत ही स्पष्ट रीति से प्रत्यक्ष है।