यह संदेश सभोपदेशक 12 अध्याय पर आधारित है जिसमें हम देखते है कि सुलैमान / उपदेशक कहता है कि युवा अवस्था में उत्तरदत्यित्व जबकि बुढ़ापा और मृत्यु निकट हैं। जो जवान है उनकी क्या जिम्मेदारी है ,कि वह परमेश्वर का भय माने और उसकी आज्ञाओं का पालन करें ,क्योंकि हर एक मनुष्य का कर्तव्य यही है। क्योंकि वह यह जानता है कि बुढ़ापा और मृत्यु निकट है। उपदेशक यह क्यों कहता है यह जानने के लिए आइये हम इस संदेश को देखें।