मसीह जीवन में समय की महत्वपूर्णता

जनवरी 7, 2022 |
खंड: सभोपदेशक 3:1-22 |

क्या आप जानते है कि प्रत्येक बात के लिए समय निश्चित है ? तथा परमेश्वर ने मनुष्य कि सृष्टि को किस प्रकार पशुओं कि सृष्टि से भिन्न किया है? आइए इस सुन्दर से संदेश को देखते हैं जो इन्ही प्रश्नो के उत्तर देता है । यह संदेश सभोपदेशक 3 अध्याय पर आधारित है, जिसमें उपदेशक लिखता "प्रत्येक बात के लिए समय नियुक्त है तथा आकाश के नीचे प्रत्येक घटना का एक समय है।" जैसे -जन्म देने का समय, मरने का समय ,प्रेम करने का समय ,घृणा करने का समय इत्यादि कि एक लम्बी सूची देता है वह बताने चाहता है कुछ भी ऐसे नही होता है प्रत्येक बात के लिए समय पहले से ही नियुक्त किया गया है, और वह कहता है कि परमेश्वर चाहता है कि मनुष्य अपने परिश्रम से खाए पीए एवं आनन्द मनाएं। साथ ही एक और बात को देखते है कि सुलैमान कहता है कि मनुष्य और पशु एक समान है इसके तुरन्त बाद दोनो में कुछ अन्तर बताता है ।

ये सिय्योन को संस्थापित करने वाले वरिष्ठ पास्टर हैं तथा प्राचीनों के समूह को अगवाई प्रदान करते हैं । ये कलीसियाई सेवा में तब से रहे हैं जब से इन्होंने 1979 में एच ए एल की सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र देकर बाराबंकी में सिय्योन कलीसिया का आरम्भ किया। ये उत्तर भारत में कलीसिया रोपण का एक मार्ग प्रशस्त करने वाले शिक्षक हैं, जिन्होंने 1980 के दशक से कलीसिया रोपण करने वालों के लिए कई अनौपचारिक प्रशिक्षणों का आयोजन किया है। इनके बाइबल का व्यक्तिगत अध्ययन अत्यन्त गहन है, जो इनके प्रचार में और इनके द्वारा तैयार किए गए अनेक अध्ययन सामग्री में बहुत ही स्पष्ट रीति से प्रत्यक्ष है।